आज के समय में लोन लेना आम बात हो गई है। लेकिन कई बार आर्थिक तंगी के कारण लोग EMI समय पर नहीं भर पाते, जिससे उन्हें लोन डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है। ऐसे में उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी हो सकती है। लेकिन हाल ही में हाईकोर्ट ने EMI Bounce 2025 को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे लोन डिफॉल्टर्स को राहत मिल सकती है।
अवलोकन तालिका
विषय | विवरण |
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फैसले की तारीख | 2025 |
किसके लिए राहत | लोन डिफॉल्टर्स, EMI बाउंस करने वाले |
मुख्य फैसला | EMI बाउंस होने पर तुरंत कानूनी कार्रवाई नहीं होगी |
महत्वपूर्ण शर्तें | पहले बैंक और उधारकर्ता के बीच बातचीत की जाएगी |
लागू क्षेत्र | पूरे भारत में लागू |
कानूनी प्रभाव | लोन डिफॉल्टर्स को कानूनी राहत |
हाईकोर्ट का फैसला क्या कहता है
हाईकोर्ट ने अपने नए फैसले में यह कहा है कि अगर किसी व्यक्ति की EMI बाउंस हो जाती है, तो बैंक या फाइनेंशियल संस्था तुरंत उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकती। पहले बैंक को उधारकर्ता से बातचीत करनी होगी और उसे एक मौका देना होगा कि वह अपनी आर्थिक स्थिति को सही कर सके।
EMI Bounce का सीधा असर
EMI बाउंस होने पर अब पहले एक नोटिस भेजा जाएगा, जिसमें उधारकर्ता को 30 दिनों का समय दिया जाएगा। यदि इस अवधि में वह अपना लोन रीपेमेंट नहीं कर पाता, तभी बैंक आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू करेगा।
लोन डिफॉल्टर्स को क्या फायदा होगा
यह फैसला उन लाखों लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जो किसी कारणवश अपनी EMI समय पर नहीं भर पाए थे। इससे उन्हें राहत मिलेगी और उन्हें जेल जाने या भारी जुर्माना चुकाने की चिंता नहीं होगी।
मुख्य फायदे
- बिना सूचना के कानूनी कार्रवाई नहीं होगी
- उधारकर्ता को 30 दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा
- बैंक और ग्राहक के बीच समाधान निकालने की प्रक्रिया आसान होगी
- आर्थिक तंगी के शिकार लोगों को राहत
EMI बाउंस होने के मुख्य कारण
- आर्थिक संकट – नौकरी जाने, व्यापार में नुकसान या अन्य कारणों से लोग EMI नहीं भर पाते।
- अकाउंट में बैलेंस न होना – कई बार तकनीकी समस्या या भूल के कारण अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता।
- ब्याज दर में वृद्धि – फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट वाले लोन में EMI बढ़ सकती है, जिससे भुगतान में परेशानी होती है।
- गलत बैंकिंग जानकारी – बैंक खाते में गलत डिटेल होने के कारण EMI ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है।
EMI बाउंस होने पर क्या करें
अगर आपकी EMI बाउंस हो जाती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। नीचे दिए गए उपायों को अपनाकर आप समस्या से बच सकते हैं
- बैंक से संपर्क करें – EMI बाउंस होते ही बैंक को सूचित करें और अपनी समस्या बताएं।
- लेन-देन का री-स्ट्रक्चरिंग कराएं – बैंक से अनुरोध कर सकते हैं कि EMI की समय-सीमा को बढ़ाया जाए।
- ऑटो-डेबिट सुविधा एक्टिवेट करें – इससे हर महीने समय पर EMI कट जाएगी और बाउंस की समस्या नहीं आएगी।
- बैलेंस की जांच करें – EMI की तारीख से पहले अपने अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस रखें।
क्या हाईकोर्ट का फैसला सभी बैंकों पर लागू होगा
हाँ, यह फैसला सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों के लिए लागू होगा। इसके अलावा, NBFC (Non-Banking Financial Companies) भी इस नियम का पालन करेंगी।
क्या पुराने EMI बाउंस मामलों पर भी राहत मिलेगी
इस फैसले का लाभ केवल 2025 के बाद से लागू नए मामलों में मिलेगा। पुराने मामलों की समीक्षा बैंक और कोर्ट के अनुसार होगी।
EMI बाउंस से जुड़े कानूनी नियम
- NI Act, 1881 की धारा 138 – यह कानून चेक बाउंस के मामलों में लागू होता था, लेकिन EMI बाउंस के लिए भी इसे इस्तेमाल किया जाता था।
- SARFAESI Act, 2002 – इस कानून के तहत बैंक डिफॉल्टर की संपत्ति नीलाम कर सकते थे, लेकिन अब नई राहत मिलने से पहले बातचीत अनिवार्य होगी।
इस फैसले का क्या प्रभाव पड़ेगा
- लोन डिफॉल्टर्स को राहत – उन्हें पहले एक बार भुगतान का मौका मिलेगा।
- बैंकों को भी फायदा – बातचीत से बैड लोन की समस्या हल हो सकती है।
- आर्थिक संकट से बचाव – छोटे व्यापारियों और मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
क्या सभी लोन डिफॉल्टर्स को यह राहत मिलेगी
हाँ, यह राहत सभी व्यक्तिगत और व्यवसायिक लोन पर लागू होगी, जब तक कि लोन धोखाधड़ी से संबंधित न हो।
EMI बाउंस के बाद कितना समय मिलेगा भुगतान करने के लिए
बैंक ग्राहकों को 30 दिनों का समय देगा, जिसके बाद ही कानूनी कार्यवाही होगी।
क्या यह फैसला छोटे लोन पर भी लागू होगा
हाँ, यह सभी प्रकार के लोन जैसे पर्सनल लोन, होम लोन, बिजनेस लोन, कार लोन आदि पर लागू होगा।
क्या EMI बाउंस होने पर अब कोई जुर्माना नहीं लगेगा
बैंक अभी भी लेट फीस और पेनल्टी चार्ज कर सकता है, लेकिन तुरंत कानूनी कार्रवाई नहीं होगी।
अगर मैं 30 दिन में EMI नहीं चुका पाया तो क्या होगा
अगर आप 30 दिन में भुगतान नहीं कर पाए तो बैंक कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। EMI बाउंस और लोन डिफॉल्ट से जुड़े कानूनी मामले बैंक और कोर्ट की नीतियों पर निर्भर करते हैं। सटीक जानकारी के लिए अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।